एक बार एक मेंढक ने बुरी नीयत से एक चूहे से दोस्ती कर ली। वह उसका विश्वास जीतकर उसे मारकर खा जाना चाहता था। एक दिन खेल खेल में मेंढक ने चूहे का एक पंजा अपने साथ बांध लिया।
पहले उन दोनों ने जौ खाए और फिर पानी पीने के लिए तालाब पर गए। जैसे ही चूहे ने पानी पीना शुरू किया वैसे ही मेंढक ने उसे पानी के अन्दर खींच लिया। वह उसे गहराई में ले गया।
वहाँ पर चूहे ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। थोड़ी देर बाद उसका शव पानी की सतह पर तैरने लगा। तभी एक चील उस पर झपटी और उसने अपने तेज़ तथा पैने नखों वाले पंजों से उसे जकड़ लिया। मेंढक का पाव चूहे के साथ बंधे होने के कारण वह भी चील का भोजन बन गया।
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