दो मित्र और भालू

दो मित्र और भालू

 दो मित्र और भालू


दो दोस्त एक घने जंगल से गुजर रहे थे। जब उन्होंने देखा कि एक भालू उनकी तरफ आ रहा है तो उनमें से एक शीघ्र ही ऊँचे वृक्ष पर चढ़ गया और छुप गया। परन्तु दूसरा दोस्त कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे।

वह असहाय सा खड़ा रह गया। तब उसे अपनी पाठशाला का एक सबक याद आया कि भालू मरे हुए आदमी का शिकार नहीं करते। वह बिल्कुल एक मृत व्यक्ति की भाँति धरती पर साँस रोककर सीधा लेट गया।

भालू उसके पास आया और उसे सूंघकर चला गया। थोड़ी देर बाद उसका मित्र पेड़ से उतरकर आया और उससे पूछने लगा,

“मित्र, भालू ने तुम्हारे कान में क्या बुदबुदाया?” उसने उत्तर दिया, “भालू ने कहा कि संकट की घड़ी में जो भाग जाए वह सच्चा मित्र नहीं होता।”   

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